गुलज़ार की यह नज्म पशुओं की पूँछों के बारे में है। शेर अपनी पूँछ शान से ऊपर उठाकर चलता है। लंगूर, घोड़ा, बिल्ली और गिलहरी अपनी अपनी पूँछ को कैसे बरतते होंगेॽ
Lakdi ki kathi... jungle jungle baat chali hai... are beautiful poems penned by Gulzar.Same play, tone, freshness, rhythm and a permissive language ma..
ज़मीं को जादू आता है!नहीं तो बाँस फीका, सख्त और गन्नों में रस क्यों है?Zameen Humko Ghumati Hai is an illustrated long poem. An unrivaled book from the..
छोटी-सी दुनिया मेरी इतनी बड़ी है, आँख की कटोरियों में आके खड़ी है...The second book in the 'Samay Post' series. Gateway to Gulzar's lyrical world.Duniya..
गुलज़ार की यह नज्म कहती है कि कौए पहले कई रंगों के होते थे। अब तो सिर्फ काले कौए दिखते हैं। यह कैसे हुआ कि सब काले हो गएॽ काले रंग की किस खूबी ने कौओं..
हकीम अण्टा गफील अपने मरीज़ों के पास घोड़े से आते-जाते हैं। बीते जमाने की सवारी पर सवार रहते हैं तो जाहिर है खुद भी पुराने होंगे। भले आदमी हैं, हकीम ह..
Gulzar's witty creation for children. Antagafil's neighbours manage to convince him to marry. But Antagafil is forever lost in his thoughts. He is als..
दो बरस के बच्चे की स्कूल रपट आई है। दो बरस का बच्चा कितने सारे कामों में लगा रहता है! रपट बनाने वाले को पता होना चाहिए कि उसे किस बात के नम्बर देन..